श्री महाराणा प्रताप जी की जयंती पर उनके चरणों में समर्पित चन्द पंक्तिया ....
चेतक पर चढ़ जिसने , भाला से दुश्मन संघारे थे...
मातृ भूमि के खातिर , जंगल में कई साल गुजारे थे...
झुके नही वह मुगलोँ से,अनुबंधों को ठुकरा डाला...
मातृ भूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला...
हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन में कोहराम मचाया था...
देख वीरता राजपूताने की , दुश्मन भी थर्राया था...
बलिदान पर राणा के, भारत माँ ने, लाल देश का खोया था...
वीर पुरुष के देहावसान पर, अकबर भी फफक कर रोया था...
भारत माँ का वीर सपूत, हर हिदुस्तानी को प्यारा हे...
कुँअर प्रताप जी के चरणों में, सत सत नमन हमारा हे...
रखते हैं मूछों को ताव देकर ,यारी निभाते हैं जान देकर ,
ख़ौफ़ खाती है दुनिया हमसे , क्योंकि हम जीते हैं शेरों की दहाड़ लेकर !! #जय राजपूताना
रहे हाथ ढाल तलवार और मज़बूती
तू धर दे माँ चामुंडा राजपूतों में मज़बूती
क्षत्रियो एक बनो नेक बनो !!#जय राजपूताना
शेर का मुखौटा लगाकर कोई शेर यहीं बनता ,
भाला उठाकर कोई राणा प्रताप नहीं बनता ,
रणभूमि में पता चलता है योद्धाओं का ,
मूछों की मरोड़ी लगाने से कोई #राजपूत नहीं बनता !!
जब हम सिंहासन पर बैठते हैं तो,राजा कहलाते है ,
जब हम घोङे पर सवार होते तो,योध्दा कहलाते है,
जब हम किसी की जान बचाते है तो,श्रत्रिय कहलाते है,
जब हम किसी को वचन देते है तो “राजपुत” कहलाते है !!
जो तुम कहते हो वो नादानी है
हमसे नज़रें मिलाने की कोशिश न कर
हमारी अकड़ खानदानी है ! #राजपूत
कोशिश तो सब करते है ,लेकिन सबको हासिल ताज़ नहीं होता ,
शोहरत तो कोई भी कमा ले लेकिन राजपूतों वाला अंदाज़ नहीं होता !
ना दौलत पे नाज़ करते है ,
ना शोहरत पे नाज़ करते है ,
किया है भगवान ने राजपूतों के घर पैदा,
इसलिए अपनी किस्मत पे नाज़ करते है !!
शीश कटे पर झुके नहीं
आगे बढ़े पर रुके नहीं
लड़े आंधी और तूफानों में
आत्म गौरव है राजपूतानो में !!
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